DM full form – डीएम का फुल फॉर्म क्या होता है ?

DM full form of Hindi :- किसी भी जिले की कानून व्यवस्था को व्यवस्थित रूप से बनाए रखने का महत्वपूर्ण कार्य DM का होता है।

एक DM ही किसी जिले के सभी सरकारी संस्थानों और अन्य क्षेत्रों में भी व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने में और जिले में अमन शांति बनाए रखने में मुख्य भूमिका निभाता है।

अब आपके मन में यह प्रश्न जरूर आ ही रहा होगा, कि DM क्या होता है? DM full form in hindi क्या होता है ?

इसलिए आज के इस लेख में हम आपको  बताएंगे कि DM कौन होता है ?

DM full form in hindi और DM के कार्यभार के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देंगे। अत: इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर बने रहे।


DM का पुरा नाम ( Full Form of DM OR DM Full Form )

DM किसी जिले का सबसे बड़ा पद होता है। DM को जिले का मुखिया भी कहा जाता है।

DM मे,

D – (District)

M – (Magistrate)

DM का full form District Magistrate होता है।


DM का हिंदी अर्थ ( DM full form in hindi )

इसे हिंदी में जिला मजिस्ट्रेट कहा जाता है। इसे जिलाधीश और जिला दंड नायक के नाम से भी जाना जाता है।

DM full form in hindi – जिलाधीश / जिला मजिस्ट्रेट / जिला – दंडनायक


अन्य sectors मे DM के full form

और भी कुछ सेक्टर है, जिनमे DM का प्रयोग short form के तौर पर किया जाता है। आइए जानते हैं कि अलग-अलग sectors में DM का क्या full form क्या होता है:-

  • Social media मे DM का full form direct massage होता है जिसका हिंदी अर्थ सीधा संदेश होता है।

DM in social media = Direct Massage

  • Software मे DM का full form Directory management होता है। इसे हिंदी मे निर्देशिका प्रबन्धन कहा जाता है।

DM in software = directory management

  • Chemistry मे DM का full form Dipole Moment होता है, जिसे हिंदी मे द्विध्रुव आघूर्ण कहा जाता है।

DM in chemistry = Dipole Moment

  • Computer मे DM का full form data mining होता है।

DM in computer = Data Mining

  • Astronomy मे DM का full form Dark matter होता है।

DM in astronomy = Dark Matter

  • Medical मे DM को मधुमेह के लिए जाना जाता है।

DM in medical = Diabetes Mellitus

  • Geometrical figure मे भी DM का use unit के रूप मे किया जाता है।

DM in unit = diameter

  • Journalism मे भी DM का use किया जाता है।

DM full form in journalism = Digital media


DM कौन होता है ?

DM अर्थात district magistrate, जिसे कलेक्टर भी कहते है, यह किसी जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है। यह एक powerful पद होती है।

DM को सारे अधिकार प्राप्त होते हैं। यह एक IAS ऑफिसर होता है अर्थात एक IAS  अधिकारी प्रमोशन के बाद district magistrate बनता है।

DM की सबसे बड़ी जिम्मेदारी जिले में सही कानून और व्यवस्था बनाए रखना होता है। इसे कलेक्टर के नाम से भी जाना जाता है।


आजादी से पहले बाद मे DM के उतरदायित्व

आजादी से पहले,

देश आजाद होने से पहले एक जिला न्यायधीश को न्यायिक मजिस्ट्रेट और district मजिस्ट्रेट दोनों के रूप में कार्य करना पड़ता था। एक DM ही आपराधिक और न्यायिक मामलों की सुनवाई भी करता था और दूसरी तरफ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी responsible होता था।

आजादी के बाद,

आजादी के बाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 50 के अनुसार कार्य पालिका और न्यायपालिका को अलग अलग कर दिया गया। इसके तहत district magistrate का काम केवल जिला में कानून व्यवस्था बनाए रखना था और सभी प्रकार का न्यायिक मामले न्यायाधीश को सौंप दिया गया था।

यूँ कहा जा सकता है कि DM के post की शुरुआत 1977 से हुई है और एक IAS officer ही प्रमोशन के बाद district magistrate यानी कलेक्टर बनता है।


DM के कार्य

जैसा कि हमने ऊपर के लेख में जाना की DM के कंधों पर बहुत सारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां होती है जिनमें से कुछ निम्न प्रकार से है:-

  1. District magistrate पुलिस के कामों को नियंत्रित करके उनके साथ तालमेल बनाए रखता है ताकि जिले में शांति बनी रहे।
  2. District मे कानून व्यवस्था सुचारू रूप से बनाए रखना जिलाधीश का काम होता है।
  3. किसी जिले के डीएम उस जिले के सभी सरकारी कामों का निरीक्षण करता है।
  4. District magistrate जिले में हो रहे सभी प्रकार के सरकारी कार्य की रिपोर्ट बनाकर आगे केंद्र सरकार को भेजता है।
  5. यदि कोई प्राकृतिक आपदा जैसे- भूकंप, बाढ़ आदि आ जाता है तो लोगों की मदद करने के लिए टीम बनाना district magistrate का काम होता है।
  6. राजकोट के निगरानी करना DM का कार्य होता है।
  7. भूमि का मूल्यांकन और भू राजस्व का टैक्स इकट्ठा करना DM के कार्यभार में शामिल हैं।
  8. Curfew और धारा 144 लगाना या हटाना DM देखता है।
  9. राशियों के लिए अनुमति देना DM का काम होता है।

DM कैसे बने ?

DM बनने के लिए सबसे पहले upsc का exam clear करना होता है, जो तीन भागों में विभाजित होती है:-

  1. प्रारंभिक परीक्षा
  2. मुख्य परीक्षा
  3. इंटरव्यू

जो कैंडिडेट प्रारंभिक परीक्षा पास कर लेता है वही main exam में बैठ सकता है। ऐसे परीक्षार्थी जो प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा दोनों pass कर लेते हैं वही इंटरव्यू दे सकते हैं, जो परीक्षार्थी इंटरव्यू को clear कर लेते हैं।

वह IAS officer बनने के लिए LBSNAA से 2 साल की सफल training लेते है। IAS बनने के बाद उसे सबसे पहले SDM का पद मिलता है। इस पोस्ट पर कुछ साल तक सेवा देने के बाद वह DM के पद के लिए प्रमोट कर दिया जाता है।


DM बनने के लिए योग्यता

किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से किसी भी subject मे  graduate  होना जरूरी होता है।


DM बनने के लिए आयु सीमा
  1. OBC के लिए आयु सीमा 21 से 33 वर्ष होती है।
  2. General category के लिए आयु सीमा 21 से 30 वर्ष की होती है।
  3. SC/ST category के लिए age सीमा 21 से 35 वर्ष की होती है।

DM को मिलने वाली facilities
  1. कलेक्टर को सरकार की तरफ से रहने के लिए बंगला, फ्री टेलिफोन, फ्री बिजली की सुविधाएं, काम करने के लिए नौकर और एक सरकारी गाड़ी तथा ड्राइवर provide किया जाता है।
  2. यदि डीएम बनने के बाद भी कोई ऊँचे पोस्ट के लिए पढ़ाई करना चाहता है तो उसका पूरा खर्चा भी सरकार के द्वारा उठाया जाता है।

निष्कर्ष :

दोस्तों, इस लेख के माध्यम से आपने DM full form in hindi के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की है। हमें उम्मीद है, कि यह जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी। इस महत्वपूर्ण जानकारी को आप अपने दोस्तों व अन्य लोगों के साथ भी जरूर साझा करें।

इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न आप हम से पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते है।


FAQ’S :

Q1. DM बनने के लिए IAS बनना जरूरी है ?

Ans. हां

Q2. DM का full form क्या होता है ?

Ans.  District Magistrate

Q3. DM को हिंदी में क्या कहते हैं ?

Ans. जिला न्यायाधीश, जिला मजिस्ट्रेट या जिला दंडाधिकारी

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