Gusal Karne Ki Dua In Hindi – ग़ुस्ल का तरीका और दुआ क्या है ?

Ghusl Ki Dua :- जिस प्रकार सभी अलग-अलग कार्यों को करते वक्त दुआ पढ़ते हैं। उसी प्रकार लोग गुसल करते वक्त भी दुआ पढ़ना चाहते है। लेकिन लोग gusal karne ki dua के बारे में नहीं जानते हैं। इसलिए वे google पर गुस्ल करने की दुआ के बारे में सर्च करते है।

तो आइये आज के इस लेख में हम gusal karne ki dua के बारे में जानकारी हासिल करते है। साथ ही हम गुसल करने का तरीका और मुस्ताहीबात के बारे में भी जानेंगे।


गुसल या गुस्ल किसे कहते हैं ? – Gusal Karne Ki Dua

तो, गुसल करने की दुआ जाने से पहले हम गुस्ल क्या है के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। इस्लाम धर्म में गुसल करना यानी नहाना होता है। गुस्ल एक अरबी शब्द है जिसे हम हिंदी में “पूरे शरीर को साफ करना” कहते हैं।

जब भी कोई व्यक्ति का शरीर अशुद्ध हो जाता है या फिर वह अपने शरीर की सफाई करता है, तो इसका अर्थ यह है, कि वह व्यक्ति गुस्ल कर रहा है। यानी अपने शरीर को शुद्ध और साफ कर रहा है।

जब भी कोई व्यक्ति स्नान कर रहा है और वह पूर्ण रूप से अपने शरीर को साफ कर रहा है तो उसे हम गुस्ल कहते हैं। लेकिन वहीं अगर कोई भी इंसान अपने आधे शरीर को ही साफ कर रहा है। जैसे -शौचालय के बाद, खून आने के बाद, इत्यादि तो उसे हम वुजू कहेंगे। यानी वुजु करने को हम आधा स्नान कहते हैं।

अगर कोई भी इंसान जो कि बालिग हो वह अपने शुद्धता यानी पाकीज़गी हो चुका है तो उसे गुसल करना जरूरी है। किसी भी बालिक इंसान का शरीर निम्न कारणों से अशुद्ध होता है।

  • किसी बालिक लड़की का मासिक धर्म पूरा होने के बाद
  • यौन संबंध बनाने के बाद
  • किसी मृत व्यक्ति को दफनाने के बाद
  • प्रसव के बाद खून निकलने से

गुसल करने का तरीका क्या होता है ?

चलिए पहले हम गुसल करने का तरीका जान लेते हैं ताकि अब आसानी से गुसल करने की दुआ को भी समझ सके और गुसल करते वक्त दुआ पढ़ सके।

  • नियत अदा करना गुसल करने का सबसे पहला तरीका है। नियत करने का अर्थ यह है कि आप अल्लाह ताला से यह कह रहे हैं कि आप पूरी तरह से शुद्ध होने के लिए और अपने शरीर को साफ करने के लिए स्नान कर रहे हैं। जब भी आप नियत कर रहे हो तो आपको “बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम” कहना हैं।
  • नियत करने के बाद अब आपको अपने हाथों के गट्टों को अच्छे से धोना है। आपको अपने हाथों के गट्टों को तीन बार धोकर गरारा करना है और कुल्ला करना है।
  • अब अगले इस पाइप में आपको इस्तन्जे की जगह को अच्छी तरह से साफ करना है चाहे निजासत लगी हो या ना लगी हो।
  • अब आपके अपने पूरे बदन के निजासत को साफ करना है जहां-जहां भी आपके शरीर में निजासत लगी हो।
  • यह सभी चीजें साफ कर लेने के बाद अब आपको वजू करना है। जब तक आप वजू ना कर ले तब तक अपने पांव को बिल्कुल भी ना धोएँ। लेकिन अगर आप किसी चीज के ऊपर बैठकर गुस्ल कर रहे हैं तो आप अपने पाँव को धो सकते हैं। आपको आपको वजू उसी प्रकार करना है जैसे आप नमाज पढ़ने से पहले करते हैं।
  • वजू करने के बाद अब आप अपने पूरे बदन को पानी से मले जिस प्रकार आप अपने बदन पर तेल लगाते हैं उसी प्रकार आपको पानी को भी मिलना है।
  • अब सबसे पहले गुसल करते वक्त अपने दाहिने कंधे पर पानी डालना है और यह प्रक्रिया आपको तीन बार करनी है।
  • उसके बाद आपको बाएं कंधे पर 3 बार पानी डालना होगा।
  • पहले दाहिने और फिर बाएं कंधे पर पानी डालने के बाद अब आप पूरे शरीर पर पानी अच्छे से डाल सकते हैं और गुस्ल कर सकते हैं।
  • अब सबसे पहले अपने पांव को धोएं और फिर पूरे बदन पर अच्छे से हाथ फेरे। अगर आप साबुन से गुसल करना चाहते हैं तो आप अपने पूरे शरीर पर साबुन बन सकते हैं और फिर से अपने पूरे बदन पर पानी बहा सकते हैं।

तो, जब भी आप गुस्ल करने जाएं तो इसी प्रक्रिया को इस्तेमाल करें।


गुसल करने की दुआ क्या है ?

गुसल करने के तरीकों को जान लेने के बाद चलिए अब हम आपको गुसल करने की दुआ या नहीं नहाने की दुआ के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। तो कई लोगों से बातचीत करने के बाद हमें यह पता चला है कि खुश करने की कोई भी दुआ नहीं बनाई गई है।

जी हां दोस्तों हम मानते हैं कि हमारे धर्म में हम सभी कार्यों को करने की दुआ पढ़ते हैं लेकिन गुसल करने की कोई दुआ नहीं है बल्कि गुसल करने के केवल सुन्नत तरीका है।

अक्सर महिलाएं यह प्रश्न पूछती है कि औरतों के लिए गुस्ल की दुआ या After period gusal karne ki dua क्या है? लेकिन हम आपको बता दें कि आप इसमें बिल्कुल भी कंफ्यूज ना हो क्योंकि गुसल करने की कोई भी दुआ नहीं बनाई गई है।

लेकिन फिर भी अगर आप गुस्ल करते वक्त कोई दुआ पढ़ना चाहते हैं तो आप बिस्मिल्ला पढ़ सकते हैं। जो कि एक दुआ के रूप में ही कार्य करती है।


गुस्से के मुस्ताहिबात

चलिए हम गुस्ल करने की मुस्ताहिबात के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। जो कि इस प्रकार है

  • अपनी जुबान से नियत पढ़ना
  • जब आपने कपड़े ना पहने हो तो गुसल करने में किबला की तरफ रुख न करना
  • ऐसी जगह पर स्नान करना जहां आपको कोई देख ना सके
  • यदि कोई पुरुष को खुली जगह पर नहाना पड़ रहा है तो वह पुरुष नाफ़ से घुटनों तक कोई कपड़ा बांधकर या कोई चीज पहनकर नहाए
  • औरतों को केवल बैठकर नहाना और उन्हें खुले में नहाने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं है।
  • गुसल करते वक्त कोई भी दुआ ना पढ़ना और किसी से भी बात ना करना
  • स्नान करने के बाद हमेशा तोलिया या रुमाल के द्वारा ही अपने शरीर को साफ करना
  • गुसल करते वक्त पूरे बदन पर तरतीब से पानी डालना

FAQ’S :-

प्रश्न 1 – हमबिस्तरी के बाद गुस्ल की दुआ क्या है ?

उत्तर - जैसा कि हमने आपको बताया गुसल करने की कोई भी दुआ नहीं होती है। तो इस तरह हमबिस्तरी के बाद गुसल करने 
की भी कोई दुआ नहीं बनाई गई है।

प्रश्न 2 – गुसल करते वक्त क्या पढ़ते हैं ?

उत्तर - गुसल करते वक्त कोई भी दुआ नहीं पढ़ना चाहिए। आपको केवल नियत करना है। हमने इस लेख में गुस्ल की सुन्नते हिंदी में बताई है।

प्रश्न 3 – नापाकी में गुसल कैसे करें ?

उत्तर - हमने इस लेख में नापाकी में गुसल करने का तरीका बताया है। जिसे पढ़कर आप उसके अनुसार ही घोषणा कर सकते हैं।

प्रश्न 4 – गुसल में कितनी सुन्नत है ?

उत्तर - गुसल में कुल 13 सुन्नते होती है।

प्रश्न 5 – क्या शुक्रवार को गुसल करना अनिवार्य है ?

उत्तर - पैगंबर द्वारा यह बताया गया है, कि अगर आप बालिग हैं, तो आपको शुक्रवार को गुस्ल जरूर करना चाहिए। 
लेकिन अगर आपके सामने कोई अन्य मजबूरी है तो आप इसे छोड़ सकते हैं। लेकिन आप शुक्रवार को गुस्ल जरूर करें।

निष्कर्ष :-

आज के इस लेख में हमने gusal karne ki dua के बारे में जानकारी प्राप्त की। उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको गुसल करने की दुआ के साथ-साथ गुसल करने की सुन्नतें और नियत के बारे में भी जानकारियां मिल पाए होंगे।

यदि आप इस विषय से संबंधित कोई अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते हो, तो हमें कमेंट करके बताएं।


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