How Emi Is Calculated In Hindi :- अगर आपने बैंक से लोन लिया है या लेने के बारे में सोच रहें होंगे, तो आपको पता ही होगा, कि उस लोन का भुगतान किश्तों के माध्यम से किया जाता है, जिसे EMI कहते हैं, तो क्या आपको पता है, कि EMI Calculate कैसे करते है ?
अगर नहीं पता तो आज हम आपको बताएँगे, कि EMI Calculate कैसे करते है ? जिससे आप अपने लोन के किश्तों के बारे में जान पाएंगे । विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिकल में आप अंत तक बने रहें।
EMI क्या है ?
बैंक द्वारा दिये जाने वाले लोन पर ब्याज सहित कुल राशि को एक नियमित समय अंतराल में किश्तों के माध्यम से भुगतान करने की सुविधा को EMI कहते हैं।
आमतौर पर बैंक अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए किश्तों के माध्यम से लोन का भुगतान करने की सुविधा देती है ।
Equated monthly Installment को शॉर्ट फ़ॉर्मेट में EMI कह देते हैं, जिसका हिंदी में अर्थ है – सामान मासिक किस्त।
सामान्य शब्दों मे कहा जाए, तो आप अपनी तात्कालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बैंक या किसी लोन देने वाली अथॉरिटी से कर्ज लेते है, जिस पर आपको ब्याज सहित मूल धन देना होता है।
लेकिन इस कुल रकम को एक साथ न देकर एक निश्चित समय सीमा के अंतर्गत छोटी छोटी राशि के माध्यम से भुगतान करना होता है, जिससे आपको बोझ न पड़े । अर्थात निश्चित समय सीमा में कुल राशि को बांट दिया जाता है इस प्रकार EMI का निर्धारण होता है ।
How EMI is Calculated in Hindi ?
EMI Calculate करने के लिए हमारे पास दो विकल्प है, एक तो आप गणितीय प्रक्रिया का उपयोग कर अपने लोन के EMI की गणना कर सकते हैं।
दूसरा विकल्प है, आप EMI Calculator का भी उपयोग कर अपना EMI जान सकते हैं, जो कि सरल प्रक्रिया है ।
गणितीय प्रक्रिया से Emi की गणना करने के लिए आपको तीन चीजों की आवश्यकता होती है :-
पहला है – मूल धन मतलब आपके द्वारा लिया गया कुल रकम।
दूसरा है – बैंक आपको किस ब्याज दर से लोन उपलब्ध कराती है।
तीसरा है – आप कितने समय बाद लोन का भुगतान करते हैं।
जिसके बाद आप EMI = [P x R x (1+R) ^ N]/ [(1+R) ^ (N-1)] का प्रयोग कर अपने EMI कि गणना कर सकते हैं। यहां पर P = मूल धन राशि , R= ब्याज दर , N= समय
एक उदाहरण के माध्यम से इसे और बेहतर समझा जा सकता है। मान लो, आपने किसी बैंक से 13.50% की दर से 1 लाख रुपये लोन लिया।
आपके लोन के भुगतान के लिए 2 वर्ष का समय निर्धारित किया गया, तो आपका कुल रकम ब्याज सहित 1 लाख 30 हजार रुपये होता है। इस हिसाब से आपको Emi के रूप में प्रति माह 4778 रुपये देना होगा।
अगर आप Mobile app के माध्यम से EMI calculate करना चाहते हैं, तो आपको play store से कोई भी EMI calculator Download कर लेना है, जिसके बाद आपको अपना principal amount तथा Interest Rate और time को डालकर आसानी के साथ EMI Calculate कर सकते हैं ।
आजकल ऑनलाइन भी बहुत से वेबसाइट है, जिसके माध्यम से EMI की गणना की जा सकती है ।
क्या Emi में ब्याज भी शामिल होता है ?
जी हां, EMI में निर्धारित ब्याज जुड़ा हुआ होता है। आमतौर पर जो principal amount होता है, उसका Tenure के हिसाब से ब्याज की गणना कर ली जाती है और इसको EMI में Convert कर लिया जाता है ।
लेकिन जब आप पहला EMI का भुगतान कर लेते हैं, तो Principal amount में से भुगतान किए गए EMI को घटा लिया जाता है, फिर बचत राशि पर ही ब्याज की गणना होती है।
इस हिसाब से आप जितना ज्यादा किस्त का भुगतान करते जाएंगे आपको कम Amount के लिए ब्याज देना पड़ेगा।
इसीलिए लोन लेते समय यह सुझाव दिया जाता है, कि लोन कम समय के लिए लिया जाए जिसके कारण ब्याज दर में कमी आए और आपको कम EMI का भुगतान करना पड़े।
Emi को प्रभावित करने वाले कारक
1. Loan Amount
आपका EMI आपके loan amount पर निर्भर करता है, जितना बड़ा principle amount होगा EMI उतना ही अधिक होगा और आपका Loan tenure भी ज्यादा होगी, जिसका सीधा मतलब है – आपको ज्यादा ब्याज दर वहन करना पड़ेगा।
जितना कम समय मे आप loan का भुगतान करते हैं, उतना ही कम EMI व ब्याज दर देय होता है। यदि आप वहन कर सकते हैं, तो कम अवधि के लिए लोन लें, जिससे आपको फायदा होगा।
2. Credit score
आपका क्रेडिट स्कोर भी आपके ब्याज दर व EMI को निर्धारित करते हैं। 750 से कम क्रेडिट स्कोर को अच्छा नहीं माना जाता, इसलिए इस स्थिति में बैंक आपसे ज्यादा ब्याज वसूलता है, जिससे स्वतः ही आपका EMI बढ़ जाएगा। वहीं अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर आपका ब्याज दर कम होने के कारण EMI भी कम हो जाता है ।
3. Interest rate
EMI को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक में से एक है – INTEREST RATE.
आपके मुल धन में जितना ज्यादा ब्याज दर रहेगा, Total amount बढ़ता ही जाएगा, जिससे आपको अधिक EMI देना पड़ सकता है। ब्याज दर कम होने की स्थिति में EMI में भी कमी देखने को मिलेगा।
FAQs .
1. क्या आप अपने लोन की EMI को कम ज्यादा करा सकते हैं ?
Ans.जब आप बैंक से लोन लेते हैं, तो आपकी सहमति से ही EMI का निर्धारण होता है। आमतौर पर Monthly या Half yearly EMI का निर्धारण किया जाता है। जिसमें से आप अपनी सुविधा के अनुसार विकल्प चुन सकते हैं। इसके बाद Loan Tenure को भी कम ज्यादा किया जा सकता है ।
2. क्या सभी प्रकार के लोन में EMI का विकल्प होता है ?
Ans. बैंक ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए लगभग सभी प्रकार के लोन में EMI का विकल्प देती है, जिससे भुगतान करने में आसानी हो सके।
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निष्कर्ष :
आज हमने इस आर्टिकल में आपको How EMI is Calculated in Hindi ? के बारे में विस्तार से बताया है।
उम्मीद करते हैं, कि यह लेख आपको पसंद आया होगा, लेकिन आपके मन में कोई सवाल है, तो हमें कमेंट कर जरूर बताएं।
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