सलातुल हाजत की नमाज का तरीका – Salatul Hajat ki Dua

Salatul Hajat ki Dua :- अस्सलाम अलैकुम मेरे प्यारे भाइयों और बहनो, सलातुल हाजत इसके बारे में आपने कभी न कभी मौलबी साहब या हाफिज शाहब के मुँह से सुना ही होगा।

अगर आप ये नाम पहली दफा सुन रहे हो, तो कोई बात नहीं आगे आप इनके बारे में जान जाओगे ।

सलातुल हाजत ये एक ऐसी नफिल नमाज हैं, जिसको पढ़ने के बाद आपकी जो भी इच्छा है अल्लाह ताला उसको पूरा करने में आपकी मद्दत करता है । लेकिन उससे भी जरूरी है, आपको इसकी दुआ याद होना ।

तो आज के इस पोस्ट में हम आपको वही बताने वाले हैं, कि सलातुल हाजत क्या होता है ? सलातुल हाजत की नमाज कैसे पढ़े Salatul Hajat ki Dua in Hindi पूरी जानकारी ।

अगर आप की भी कोई इच्छा या सपना है और आप उसे पूरा करना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें और उसे सलातुल हाजत की नमाज के दुवारा मांगे, ताकि अल्लाहताला आपकी इच्छा को पूरा कर सखे ।


सलातुल हाजत क्या है ? – Salatul Hajat Kya Hai

सलातुल हाजत इसका मतलब है, कि आपके अंदर कोई इच्छा, सपना या जरूत है, तो आप अल्लाहताला से दुआ कर उन चीजों और जरूरतों को पा सके और इंस्साअल्लाह अल्लाहताला आपकी जरूरतों और सपनों को जरूर पूरा करेगा।

सलातुल हाजत में आपको दो रकत नफिल नमाज अदा करना होता है और अपने इच्छा और मकसद को बयान करना होता है।

इसमें आपको कौन सी दुआ पढ़ना होता है, वो आपको आगे बताया गया है।

ये थी सलातुल हाजत के बारे में  छोटी जानकारी। चलिये अब जानते है, कि  इस नमाज की किस वख्त पढ़ा जाता है ?


सलातुल हाजत का सही समय – Salatul Hajat ki Dua Ka Samay

सलातुल हाजत के नमाज की वख्त की बात करें, तो इसका कोई निश्चित समय नहीं, ये एक नफिल नमाज है, ये आम नमाज की तरह फ़र्ज़ नहीं है, इसे मुस्लिम भाई अपने जरूरत के हिसाब से पढ़ सकते हैं । सलातुल हाजत को आप अपने अनुसार किसी भी वख्त, जब आप फ्री हो या आपके पास समय हो, आप इस नमाज को पढ़ सकते हैं। बस आपको इस नमाज को मकरूह वक्तो में पढ़ने से बचना है, मकरूह वक्तो कहने का अर्थ है, कि सूरज निकलते वख्त , जवाल के समय और शाम में जब सूर्यास्त हो रहा हो ।


सलातुल हाजत नमाज की रकत – Salatul Hajat Namaz Ki Rakat

सलातुल हाजत नमाज की रकत की बात करें, तो इसमें 2 रकत नमाज होती है ,सलातुल हाजत नमाज एक नफिल इबाबत है, जिसका अर्थ है, कि अगर कोई इस नमाज को पढ़ रहा है, तो उसे सबाब मिलेगा अगर कोई इस नमाज को नहीं पढ़ रहा है, तो उसे गुनाह भी नहीं मिलेगा ।

इस नमाज को पढ़ने से आपको एक फायदा ये हैं, कि आपको जो चाहिए, वो अल्लाहताला आपको दिलाने में आपकी मद्दत करेगा और आप उस चीज को जल्द पा सकते हैं ।


सलातुल हाजत नमाज पढ़ने का तरीका – Salatul Hajat Namaz Ka Tarika

सलातुल हाजत नमाज को पढ़ने के लिए आपको सबसे पहले वजू करना होगा, जो किसी भी नमाज के लिए जरूरी है, वजू करने से हमारा बदन पाक हो जाता है ।

वजू करने के बाद एक जनेमाज ले, अगर जनेमाज नहीं है तो एक चटाई ले और उसे काबा की और रुख कर एक साफ सुथरी जगह पर बीच दे।

उसके बाद नियत करें ,नियत आप जुबान से या मन में भी कर सकते हैं।


नमाज की पहली रकत :-

अपने दोनों हाथों को उठाये और उसे कंधे से होते हुए अपने कान तक ले जाये और हाथ बांध लें और सन पढ़ना शुरू करें।

सना:-सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका पढ़े।

सना के तुरंत बाद आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम और बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम पढ़ना शुरू करें।

उसके बाद सूरह फातिया पढ़ना शुरू करें।

सूरह फातिया:-

  •  अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
  • अर्रहमानिर्रहीम
  • मालिकि यौमिद्दीन
  • इय्या-क न बुदु व इय्या-क नस्तीइन,
  • इहदिनस्सिरातल्-मुस्तकीम
  • सिरातल्लज़ी-न अन्अम्-त अलैहिम
  •  गैरिल्-मग़जूबि अलैहिम् व लज्जॉल्लीन

उसके बाद अमीन कहे और कुरान की कोई भी छोटी बड़ी आयात जैसे सूरह नास को पढ़ना शुरू कर दें।

      सूरह नास:-

  • कुल आउज़ू बी रब्बिन्नास
  • मलिकिन- नास
  • इलाहिन- नास
  • मिन शर्रिल वास्वसिल खन्नास
  • अल- लजी युवास्विसू फी सुदुरिन्नास
  • मीनल जिन्नती वन्नास

सूरह पढ़ने के बाद अल्लाह अकबर कहते हुए रुकी में और तीन दफा  सुबहाना रब्बियल अज़ीम कहे और समिल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए खड़ा हो जाये फिर रब्बना लकल हम्द पढ़े और उसके तुरंत बाद अल्लाह अकबर कहते हुये सजदा में चले जाएं ।

उसके बाद तीन दफा सुब्हान रब्बि यल आला दोनों सजदा करते समय पढ़े और फिर दूसरी रकत के लिए तुरंत खड़े हो जाये।


दूसरी रकत

इस बार आपको सना नहीं पढ़ना है आपको अलहम्दो शरीफ जिसे सूरह फातिहा कहते हैं वो पढ़ना है उसके बाद अमीन कहे औए फिर से कुरआन कोई सूरह पढ़ ले जैसे सूरह इखलास।

  सूरह इखलास:-

  • कुल हुवल्लाहु अहद
  • अल्लाहुस्समद
  • लम यलिद वलम यूलद
  • वलम यकूल लहू कुफुवन अहद

फिर आपको रुकू और सजदा वैसे ही करना है जैसे आपने पहली रकत में किया था साथ ही जो सूरह आपने पहली रकत के लिए सजदा और रुकू के लिए जितनी दफा पढ़ा था ,फिर से आपको उतनी ही दफा पढ़ना है ।

दूसरी रकत की दोनों सजदा को पूरा करने के बाद अपने पांव पर बैठ जाये और अत्तःहियत,दरुदे इब्राहीम, दुआ ए मशुरा पढ़े और फिर सलाम फेर दे जैसे नमाज में सलाम फेरते हैं ।

अत्तहिय्यातु सूरह:-

  • अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलावातु, वत्त्तय्यिबातु
  • अस्सलामु ‘अलैका’ अय्युहं-नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
  • अस्सलामु ‘अलेना व ‘अला ‘इबदिल्लाहिस-सालिहीन
  • अश-हदू ‘अं-ला ‘इलाहा ‘इल्लल्लाहू व ‘अश-हदू ‘अन्ना मुहम्मदन ‘अब्दुहु व रसूलुहु।

दरुदे इब्राहीम:-

  • अल्लाहुम्मा सल्लि ‘अला मुहम्मदीन व’ अला’
  • आलि मुहम्मदीन, कमा सल्लयता ‘अला’ इब्राहीमा
  •  व ‘अला’ आली ‘इब्राहीमा,’ इन्नका हमीदुन मजीद। 
  • अल्लाहुम्मा बारिक ‘अला मुहम्मदीन व’ अला ‘आली मुहम्मदीन, कमा बारकता’
  • अला ‘इब्राहीमा व’ अला’ आली ‘इब्राहीमा,’ इन्नाका हमीदुन मजीद।

इस तरह आपकी सलातुल हाजत की नमाज मुकम्मल होती है।

चलिये अब हम सलातुल हाजत की दुआ के बारे में जानते हैं।


Salatul Hajat ki Dua in Hindi

  • ला इला ह इल्लल्लाहुल हलीमुल करीमु
  • सुब्हानल्लाहि रब्बिल अर्शिल अज़ीम वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन.
  • असअलु क मुज़िबाति रहमति क व अजाइम मग्फ़िर ति क वल गनी म त मीन कुल्ली बिररिव वस्सला म त मीन कुल्लि इस्मिन.
  • ला तदअ ली जम्बन इल्ला गफर तहु व ला हम्मन इल्ला फर्रज तहु व ला हा ज तन ही य ल क रीजन इल्ला क जै त हा या अर्हमर्राहिमिन.

Salatul Hajat ki dua in English

  • Laaa i-la-ha il-lal-la-hul-Ha-leemul kareem.
  • Sub-hanallahi rabi-bil arshilazeem.
  • Wal-Hamdu-lil-la-hi rabbil-Alameen
  • As’aluka muji-bati rah-ma-tik, waa-zaaa ‘i-ma mag-fira-tik, wal gha-
  • nee-mata min kul-li birr, was-sa-la-mata min kul-li ithm.
  • La ta-da` li dhan-ban il-la gha-far-tah, wala ham-man il-la far-raj-tah,
  • wala day-nan il-la ka-day-tah, wala hajatam-min ha-wa i-jid-dunya wal-aaa-khi-rah
  • He-ya laka ri-dan il-la qa-day-taha yaaa ar-ha-mar-ra-he-meen.

सलातुल हाजत की दुआ का तर्जुमा

मैं गवाही देता हूँ की अल्लाह ताला के अलावा कोई मालिक , खालिक और हाकिम नहीं है,जो बहुत ही मेहरबान और अपने बंदों पर कर्म करने वाला है । मैं अल्लाह ताला की पाकी बारिया करता हूँ जो फर्श से लेकर अर्श तक का मालिक है, और तमाम तरीके अल्लाह के लिए है ,दोनों जहाँ का पालनहार है,  ये अल्लाह ताला तो मेरे तमाम गुनाहों को मुआफ़ कर दें, और मेरे गम को दूर कर मेरी वो जरूरतों को पूरा कर दें जिससे तो राजी हो अमीन …


FAQ’S :-

Q1. सलातुल हाजत नमाज पढ़ने के लिए सबसे अच्छा वख्त कौन सा है ?

Ans :- सलातुल हाजत नमाज की नमाज पढ़ने के लिए कोई निश्चित समय तय नहीं जब आपको समय मिले तब आप 
इस नमाज को पढ़ सकते हैं बस आपको मकरू समय से बचना है।

Q2. क्या हम सलातुल हाजत हर दिन पढ़ सकते है ?

Ans :- जी हाँ, आप जितनी दफा चाहे पढ़ सकते हैं, आप अल्लाह ताला की जितनी इबादत करेंगे, 
आपको उतनी सवाब आता होगी।

निष्कर्ष– Conclusion

तो दोस्तों आज अपने सीखा की सलातुल हाजत क्या है ? सलातुल हाजत की नमाज का तरीका, Salatul Hajat ki Dua in Hindi और इस नमाज के समय के बारे में

तो आपको ये हमारा आर्टिकल Salatul Hajat ki Dua in Hindi  कैसा लगा अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें, अगर आपके मन में इससे जुड़े कोई सवाल हो तो जरूर पूछे । इसे अपने दोस्तों भाई को शेयर करना न भूलें लोगो तक अल्लाह का पैगाम पहुचना भी एक सवाब का काम है ।


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