ताजमहल का पूरा नाम क्या है ? – Taj Mahal Ka Pura Naam Kya Hai

Taj Mahal Ka Pura Naam Kya Hai :- आप ताजमहल के बारे में बखूबी जानते होंगे और हो सकता है, कि आप ताजमहल को देखने भी गए होंगे। मगर क्या आपको मालूम है, कि ताजमहल का असली एवं प्राचीन नाम क्या है ? अगर आपका जवाब ना है और आप इसके बारे में नहीं जानते हैं और जानना चाहते है, की ताजमहल का पुराना नाम क्या है और सर्वप्रथम किस व्यक्ति ने ताजमहल को बनवाया था ?

तो इन सभी जानकारी को प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे। क्योंकि इस लेख में हम ताजमहल के इतिहास से जुड़े हर एक जानकारी को प्रदान करने वाले हैं, तो चलिए शुरू करते हैं।


ताजमहल का पूरा नाम क्या है ? – Taj Mahal Ka Pura Naam Kya Hai

ताजमहल का असली नाम रोजा – ए – मुनव्वर है, जिसका अर्थ जगमगाता हुआ मकबरा होता है। इसका उल्लेख पदशाहनामा नाम की एक किताब में किया गया है। इस किताब को अब्दुल हमीद लाहौरी ने लिखा था जो कि घुमक्कड़ इतिहासकार थे।

इसके अलावा कई अन्य अध्ययनों के अनुसार, ताजमहल पहले एक शिवालय था। इससे संबंधित खोजो से पता चलता है कि इसका नाम तेजोमहालय है।


ताजमहल से पहले तेजो महालय ( शोध के अनुसार )

अध्ययनों के अनुसार प्राप्त सबूतों के आधार पर ताजमहल का निर्माण 1155 ईसवी में राजा परमद्रिदेव ने करवाया था। बाद में मोहम्मद गौरी के साथ अन्य मुस्लिमों ने ताजमहल को तोड़कर उसको लूट लिया।

पुराना ताजमहल आज के समय में दिखने वाले ताजमहल से कई गुना ज्यादा बड़ा था। बाद में इसे हिंदुओं ने मरम्मत करवाया, परंतु वह इस महल की रक्षा नहीं कर सके। पुरुषोत्तम नागेश ओक, जो कि एक शोधकर्ता है, उन्होंने बताया कि ताजमहल को पहले तेजो महल कहा जाता था।

वर्तमान समय में अपने ताजमहल से संबंधित ऐसे चिन्ह खोजे हैं, जो इस बात को दर्शाता है कि इसका दोबारा से निर्माण करवाया गया है। ओक का मानना है कि ताजमहल में तेज़ लिंग स्थापित था, इसीलिए इस को तेजो महालय के नाम से जाना जाता था।

Taj Mahal Ka Pura Naam Kya Hai

शाहजहां के समय में यूरोप देश के बहुत से लोगों ने इस ताजमहल का उल्लेख ताज ए महल के नाम से भी किया है, जोकि शिव मंदिर वाले परंपरागत संस्कृत के नाम से भी मेल खाता है।

इसके विरुद्ध औरंगजेब और शाहजहां ने बड़ी ही होशियारी और सावधानी के साथ संस्कृत से मेल खाते हुए इस शब्द का कहीं पर भी इस्तेमाल ना करते हुए उसके स्थान पर पवित्र मकबरा का ही इस्तेमाल किया।

ओक के अनुसार मुमताज, हुमायूं, सफदरजंग आदि जैसे सारे शाही दरबारी लोगों को मंदिरों या हिंदू महलों में ही दफनाया गया है। इसीलिए यह बात स्वीकार करने योग्य है कि ताजमहल पहले से ही बना हुआ था और उसके अंदर मुमताज की लाश को दफनाया गया, ना कि लाश को दफनाने के बाद उस पर ताज का निर्माण किया गया।

यह शोध बताता है कि तेजो महालय शब्द का अपभ्रंश ही ताजमहल है, जो कि शिव मंदिर को इंगित करता है। जब शोधकर्ताओं के द्वारा अवलोकन किया गया तो उन्होंने पाया कि मुमताज की कब्र वाले कमरे में ही केवल सफेद संगमरमर के पत्थर लगे हुए हैं, जबकि कब्रों को अटारी वाले कमरे में फूल पत्ते बेल आदि से चित्रित पच्चीकारी की गई है।

इस से साफ जाहिर होता है कि मुमताज के मकबरे वाला कमरा ही भगवान शिव के मंदिर का गर्भगृह है। इसकी संगमरमर की जाली में 108 कलश आरूड और 108 कलश चित्रित है और हिंदू परंपरा में 108 संख्या को पवित्र संख्या माना गया है।


ताजमहल का इतिहास

यमुना नदी के किनारे स्थित सफेद संगमरमर पत्थरों से बना हुआ अलौकिक सुंदरता का प्रतीक ताजमहल केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व भर में अपनी एक अलग पहचान बनाता है।

ताजमहल को विश्व धरोहर के रूप में भी शामिल किया गया है और यह दुनिया के सात अजूबों में भी आता है, परंतु यह हमेशा से ही सवालों के घेरे में गिरा हुआ है कि ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया या फिर किसी और ने बनवाया था?

हम सभी अधिकतर ताजमहल को प्यार की निशानी के तौर पर पहचानते हैं और हमने हमेशा से यही पढ़ा है कि ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए बनाया था।

इतिहास की किताबों में उल्लेख मिलता है कि शाहजहां अपनी बेगम मुमताज से बेइंतहा प्यार करते थे और उनकी मृत्यु के बाद उनकी याद में शाहजहां ने इस ताजमहल को प्यार की निशानी के तौर पर बनाया था।

ऐसा माना जाता है कि ताजमहल मुमताज और शाहजहां का मकबरा है। शाहजहां की मृत्यु के बाद में उसे उसकी पत्नी के बराबर में इसी ताजमहल में दफना दिया गया था।

परंतु भारत के  एक प्रसिद्ध शोधकर्ता और इतिहासकार पुरुषोत्तम ओक ने अपने शोध मे यह बताया कि इस ताजमहल का निर्माण शाहजहां ने नहीं करवाया था।

बल्कि इसका निर्माण 1155 ईसवी में हो चुका था और यह एक शिवालय था, जिसे तेजोमहल के नाम से जाना जाता था। भारत में मुगलों ने इस पर कब्जा कर लिया और इसका नाम बदलकर ताजमहल कर दिया।


ताजमहल से जुड़ी कुछ खास बातें
  • ताजमहल के निर्माण में लगभग 22 साल लगे थे।
  • ऐसा कहा जाता है कि 1000 से भी अधिक हाथियों के जरिए ताजमहल के निर्माण में लगने वाली सामग्री को लाया गया था।
  • उस समय ताजमहल के निर्माण में लगभग 3.2 करोड रुपए का खर्च आया था।
  • ताजमहल के निर्माण में प्रयोग 28 रतन श्रीलंका से लाए गए थे।
  • ताजमहल के निर्माण में एशियाई देशों से बहुमूल्य पत्थर लाए गए थे।
  • इसके निर्माण कार्य में लगा संगमरमर का पत्थर राजस्थान से लाया गया था
  • ताजमहल की वास्तु शैली में भारतीय, फारसी, इस्लामी और तुर्की वास्तुकला का मिश्रण है।
  • कहा जाता है कि ताजमहल का निर्माण पूरा होने के बाद शाहजहां एक और ताजमहल बनाना चाहते थे, जो पूरी तरह से काले पत्थरों से निर्मित किया जाना था। काला ताजमहल बनाने की उनकी ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाई क्योंकि उनके बेटों के बीच सत्ता को हासिल करने के लिए युद्ध होने लग गया था।
  • ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बीवी मुमताज की याद में बनवाया था और मुमताज की मौत 14 बच्चे को जन्म देने के दौरान हुई थी।
  • सन् 1983 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था।
  • ताजमहल का वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी माने जाते है।
  • इसके निर्माण के समय शाहजहां ने इस के शिखर पर एक सोने का कलश भी लगवाया था, जिसकी लंबाई 30 फीट 80 इंच थी और यह तकरीबन 40000 तोले सोने से बनाया गया था।
  • ताजमहल की नींव लकड़ियों से बनी है और इन  लकड़ियों को मजबूत रहने के लिए नमी की आवश्यकता होती है, जो इसे ताजमहल के बाएं तरफ बह रही यमुना नदी से मिलती है।
  • ताजमहल 42 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है।
  • इसके निर्माण कार्य के लिए 20000 से भी अधिक मजदूर लगाए गए थे।
  • केवल इसके गुबंद को ही बनने में 15 वर्ष का समय लग गया था।
  • ताजमहल सुबह के समय में हल्का गुलाबी, दिन में सफेद और पूर्णिमा की रात को हल्का सुनहरा नजर आता है।
  • ताजमहल दुनिया भर में सबसे अधिक देखी जाने वाली इमारत है और इससे हर रोज लगभग 12000 से भी अधिक पर्यटन देखने आते है।

FAQ,S :-

Q1. ताज महल के अंदर लाइट क्यों नहीं है ?

Ans. ताजमहल में लाइट इसलिए नहीं जलाई जाती क्योंकि ताजमहल को मकबरा माना जाता है, और मकबरा के अंदर कोई भी 
लाइट नहीं जलाई जाती है।

Q2. ताजमहल के बंद कमरों के अंदर क्या है ?

Ans. कई रिसर्चओं के अनुसार ऐसा पाया गया है, कि ताजमहल के मौजूद 22 कमरों में कुछ भी नहीं है।

Q3. ताजमहल में रात में अंधेरा क्यों होता है ?

Ans. जिस प्रकार से रात में अन्य जगहों पर अंधेरा छा जाता है, ठीक उसी प्रकार से ताजमहल में भी रात के वक्त अंधेरा छा जाता है। 
और जिस प्रकार से अन्य जगहों पर लाइट की व्यवस्था की गई है, ताकि रात के वक्त वहां पर प्रकाश रहे। ऐसा साधन ताजमहल के अंदर 
नहीं है, तो यह भी एक कारण है कि ताजमहल में रात क वक़्त अंधेरा होता है।

Q4. क्या ताजमहल एक हिंदू मंदिर था ?

Ans. जी हां दोस्तों ताजमहल प्राचीन काल में एक बहुत विशाल मंदिर हुआ करता था, फिर मुगल के शासकों ने इसे लूट कर 
बर्बाद कर दिया और इसके ऊपर ताजमहल बनवा दिया।

Q5. ताजमहल में कौन सी मस्जिद है ?

Ans. हम आपके जानकारी के लिए बता दें, कि ताजमहल के अंदर कोई भी मस्जिद मौजूद नहीं है, बल्कि ताजमहल 
एक प्रकार का मकबरा है।

[ अंतिम शब्द ]

Guy’s उम्मीद करता हूं, कि आपको मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद  से जान चुके होंगे, की Taj Mahal Ka Pura Naam Kya Hai और ताजमहल के पीछे का इतिहास क्या है ?

अगर आपको इस लेख में कहीं भी किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कत होती है, तो आप हमारे दिए गए comment box में जरूर मैसेज करें हम आपके समस्याओं का हल करने की कोशिश अवश्य करेंगे धन्यवाद।


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